ओला क्या है - 
ओले बरसात के रूप  में आकाश से गिरने वाली बर्फ की ठोस संरचना होती है।

Hailstones, rain lash Telangana, thunderstorms ahead

जब तेज ऊर्ध्वाधर हवाएं बरसात की बूंदों को ऊपर ले जाती हैं और जब ये बूंदे किसी ऐसी परत  से गुजरते हैं जिसका तापमान 0℃ से नीचे होता  है तब बरसात की बूंदें बर्फ में परिवर्तित हो जाती हैं
अगर बर्फ की बूंदें शीघ्र ही ठंडी हो जाती है तो बर्फ चमकीला बनता है इसके विपरीत अगर बरसात की बूंदे धीरे-धीरे ठंडी होती हैं तब वर्फ के ऊपर हवा के बुलबुले भी साथ में ठंडे हो जाते हैं जिससे बर्फ चमकीला नहीं बनता है।

ये बर्फ के गोले जब लगातार हवा में ऊपर से नीचे एवं नीचे से ऊपर जाते तो हर बार बर्फ के टुकड़े पर नयी परत चढ़ जाती है इसी प्रकार जब बर्फ के टुकड़े का भार इतना हो जाता है की उसे अब और हवा में रुक पाना मुश्किल हो जाता तब ये बर्फ के गोले  गुरुत्व के कारण पृथ्वी पर ओले के रूप में गिरते हैं जिसे ओलावृष्टि कहते हैं।

  • क्यूम्यलोनिम्बस बादलों में गरज के दौरान ओले का उत्पादन होता है
  • विश्व का अभी तक का सबसे भारी ओला का वजन 2.25 पाउंड (1.02 किलोग्राम जो गोपालगंज बांग्लादेश मे गिरा था
  • इसके अलावा 2010 में संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण डकोटा के विवियन में गिरा था जिसका आकार 8 इंच था।
Freak storm causes traffic chaos and leaves Malaga residents knee ...